शुल्कों पर 90 दिन की रोक के लिए अमेरिका-चीन सहमत

दोनों देशों ने शुल्क की दर 145 फीसद से घटाकर 10 से 15 फीसद की

जेनेवा । अमेरिका और चीन ने हाल ही में एक-दूसरे पर लगाए भारी शुल्क में से अधिकतर पर 90 दिन की रोक लगाने को लेकर दोनों देशों के वीच सहमति वनने की सोमवार को जानकारी दी। इससे शेयर वाजारों में उछाल आया है क्योंकि विश्व की दो प्रमुख आर्थिक शक्तियों ने टकराव से एक कदम पीछे हटा लिया जिससे वैश्विक अर्थव्यवस्था अस्थिर हो गई थी । अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जेमिसन ग्रीर ने कहा कि अमेरिका ने चीनी वस्तुओं पर 145 प्रतिशत शुल्क दर का 115 प्रतिशत घटाकर 30 प्रतिशत करने पर, जवकि चीन ने अमेरिकी वस्तुओं पर अपनी दर को भी इतना ही कम कर 10 प्रतिशत करने पर सहमति व्यक्त की ।

ग्रीर और अमेरिका के वित्त मंत्री स्कॉट वेसेंट ने जेनेवा में संवाददाता सम्मेलन में शुल्क कटौती की घोषणा की। इसके अलावा दोनों पक्षों ने अपने व्यापार मुद्दों पर चर्चा जारी रखने की रूपरेखा तैयार की है। दो दिन की वार्ता के वाद संवाददाता सम्मेलन में वेसेंट ने कहा कि उच्च शुल्क स्तर से दोनों पक्षों के सामान पर पूरी तरह रोक लग गई ऐसा परिणाम कोई भी पक्ष नहीं चाहता । वेसेंट ने कहा, ‘इस सप्ताहांत दोनों प्रतिनिधिमंडलों की आम सहमति यह है कि कोई भी पक्ष अलगाव नहीं चाहता है । इन उच्च उच्च शुल्क से जो हुआ वह अवरोध के वरावर था । कोई भी पक्ष ऐसा नहीं चाहता । हम व्यापार चाहते है । हम अधिक संतुलित व्यापार चाहते है । मुझे लगता है कि दोनों पक्ष इसे हासिल करने के लिए प्रतिवद्ध है।’ चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने इस समझौते को दोनों देशों के मतभेदों के समाधान के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया और कहा कि यह आगे के सहयोग की नींव तैयार करता है।

मंत्रालय की ओर से जारी व्यान के अनुसार, ‘यह पहल दोनों देशों के उत्पादकों व उपभोक्ताओं की अपेक्षाओं के अनुरूप है और दोनों देशों के हितों के साथ-साथ विश्व के साझा हितों को भी पूरा करती है।’ इसमें कहा गया चीन को उम्मीद है कि अमेरिका एकतरफा शुल्क वृद्धि की गलत प्रथा’ को रोकेगा और चीन के साथ अपने आर्थिक एवं व्यापारिक संबंधों के विकास की रक्षा के लिए काम करेगा, जिससे वैश्विक अर्थव्यवस्था में अधिक निश्चितता तथा स्थिरता आएगी।

अमेरिका और चीन की ओर से लागू किए गए जटिल शुल्क पर इसका पूरा प्रभाव अव भी अस्पष्ट है। काफी कुछ इस वात पर निर्भर करता है कि वे 90 दिन के इस निलंबन के दौरान लंबे समय से जारी रहे मतभेदों को पाटने के तरीके खोज पाएंगे या नहीं। हालांकि, जव विश्व की दो सवसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के इस कदम से वाजारों में निवेशकों की धाराणा मजबूत हुई। एसएंडपी 500 में 2.6 प्रतिशत का उछाल आया । डाउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज में दो प्रतिशत की तेजी दर्ज की गई। तेल की कीमतें 1.60 डालर प्रति वैरल से अधिक वढ़ गईं और यूरो तथा जापानी येन के मुकावले अमेरिकी डालर में मजबूती आई। चीन में यूरोपीय संघ चैवर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष जेन्स एस्केलंड ने दोनों देशों के इस कदम का स्वागत किया लेकिन साथ ही आगाह भी किया।

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